छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। दुगाईगुड़ा के बालक रेसिडेंशियल स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले मासूम नीतीश ध्रुव की अचानक मौत हो गई। जिनिप्पा गांव का रहने वाला यह नन्हा छात्र उस वक्त पोटाकेबिन में अपनी पढ़ाई कर रहा था, जब यह दुखद घटना घटी। इस हादसे ने न सिर्फ नीतीश के परिवार को झकझोर दिया, बल्कि स्कूल और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने तुरंत एक्शन लिया है। उन्होंने फौरन एक 5 सदस्यीय जांच समिति बनाई, जिसकी कमान पूर्व पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम को सौंपी गई है। यह समिति नीतीश की मौत के पीछे छिपे रहस्य को उजागर करने की कोशिश करेगी। आखिर एक मासूम बच्चे की जान कैसे चली गई? क्या इसके पीछे कोई लापरवाही थी या कुछ और? इन सवालों का जवाब ढूंढना अब इस समिति की जिम्मेदारी है।
जांच समिति में कौन-कौन शामिल?
दीपक बैज ने इस मामले की गहराई से छानबीन के लिए एक मजबूत टीम तैयार की है। कमलेश कारम के नेतृत्व में इस समिति में जनपद पंचायत के तीन सदस्य और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी (सीसी) के अध्यक्ष को शामिल किया गया है। यह टीम मिलकर नीतीश ध्रुव की संदिग्ध मौत के कारणों की तह तक जाएगी और अपनी रिपोर्ट दीपक बैज को सौंपेगी। कांग्रेस की इस पहल से साफ है कि वे इस मामले को हल्के में नहीं ले रहे और पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मासूम की मौत ने मचाया हड़कंप
एक सरकारी रेसिडेंशियल स्कूल में बच्चे की अचानक मौत की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है। माता-पिता, शिक्षक और स्थानीय लोग गुस्से और दुख में डूबे हैं। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिस पोटाकेबिन में नीतीश पढ़ रहा था, क्या वहां कोई खामी थी? क्या बच्चे की तबीयत खराब थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया? या फिर इसके पीछे कोई बड़ी वजह छिपी है? ये सारे सवाल लोगों के मन में कौंध रहे हैं, और अब सबकी नजर जांच समिति के नतीजों पर टिकी है।
नीतीश का परिवार इस सदमे से उबर भी नहीं पा रहा। जिनिप्पा जैसे दूरदराज के गांव से आने वाला यह बच्चा शायद अपने परिवार की उम्मीदों का सितारा था। रेसिडेंशियल स्कूल में पढ़ाई उसके लिए बेहतर भविष्य का सपना लेकर आया था, लेकिन अब वह सपना हमेशा के लिए टूट गया। यह घटना छत्तीसगढ़ के आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति पर भी सवाल उठाती है।

आगे क्या होगा?
जांच समिति का हर कदम अब बेहद अहम है। इसकी रिपोर्ट से न सिर्फ सच सामने आएगा, बल्कि यह भी तय होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। क्या स्कूलों में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी? क्या बच्चों की सुरक्षा के लिए नए नियम बनेंगे? इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा। फिलहाल, बीजापुर से लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में लोग इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
यह दुखद घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि दूरदराज के इलाकों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं और देखभाल कितनी जरूरी है। नीतीश की मौत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि एक बड़ी चेतावनी है। उम्मीद है कि जांच समिति अपना काम ईमानदारी से करेगी और इस मासूम की मौत का सच सबके सामने आएगा।