छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने सभी को हैरान कर दिया। सिटी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बड़ा कोरंजा में हुए इस मामले ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी अपराध की जड़ें हमारे सबसे करीबी रिश्तों में भी छिपी हो सकती हैं। जशपुर पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए मृतक बीरबल मिंज (52 वर्ष) की हत्यारिन के रूप में उसकी पत्नी सुसैना मिंज (50 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। यह घटना न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गुस्सा और लत किस हद तक एक परिवार को तबाह कर सकती है।
घटना का खुलासा
यह मामला 16 मार्च 2025 को तब सामने आया जब मृतक के बेटे स्वदीप मिंज (25 वर्ष) ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। स्वदीप ने बताया कि उसके पिता का शव गांव के सेमरन टोप्पो के आंगन में खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला। मृतक के माथे से खून बह रहा था, जिसके चलते हत्या की आशंका जताई गई। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और फॉरेंसिक टीम की मदद ली। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस आशंका की पुष्टि कर दी कि बीरबल की मौत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई, जो एक हिंसक हमले का परिणाम था।

जांच में चौंकाने वाला मोड़
पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए गहन जांच शुरू की। शुरुआत में यह समझना मुश्किल था कि आखिर इस हत्या के पीछे कौन हो सकता है। लेकिन जैसे-जैसे तथ्य सामने आए, यह साफ हो गया कि यह कोई बाहरी अपराधी का काम नहीं, बल्कि घर के भीतर की साजिश थी। जांच में पता चला कि बीरबल मिंज शराब का आदी था और अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए घर का धान चुराकर बेच देता था। यह बात उसकी पत्नी सुसैना को लंबे समय से परेशान कर रही थी। घटना की रात भी इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी।
हत्यारिन का कबूलनामा
शुरुआत में सुसैना ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्त पूछताछ के आगे वह टिक नहीं सकी। आखिरकार उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। सुसैना ने बताया कि उस रात बीरबल नशे में गांव के एक घर में पड़ा था। गुस्से में आकर उसने लकड़ी के डंडे से बीरबल के सिर और हाथ पर कई वार किए और फिर घर लौट आई। अगले दिन जब शव मिला, तो उसने अपनी संलिप्तता छिपाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल डंडा बरामद कर लिया और सबूतों के आधार पर सुसैना को हिरासत में ले लिया।
कानूनी कार्रवाई
पर्याप्त सबूतों के आधार पर पुलिस ने सुसैना मिंज के खिलाफ बी.एन.एस की धारा 103(1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। इसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया, बल्कि यह भी सवाल उठाया कि नशे की लत और पारिवारिक कलह कितने खतरनाक हो सकते हैं।
निष्कर्ष
यह हत्याकांड एक दुखद उदाहरण है कि कैसे छोटी-छोटी बातें बड़े अपराध का रूप ले सकती हैं। बीरबल की मौत और सुसैना की सजा ने एक परिवार को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि नशे की लत और आपसी विवादों को समय रहते सुलझाना कितना जरूरी है, वरना इसके परिणाम बेहद भयावह हो सकते हैं।